हरियाणा विधानसभा में तीखी बहस: विधायकों को 1 करोड़ मिले, पर विपक्ष ने कहा- ‘राजस्थान जैसे 5 करोड़ क्यों नहीं?

हरियाणा विधानसभा में तीखी बहस: विधायकों को 1 करोड़ मिले, पर विपक्ष ने कहा- ‘राजस्थान जैसे 5 करोड़ क्यों नहीं?: हरियाणा सरकार ने विधायक आदर्श ग्राम योजना के तहत प्रदेश के 25 विधायकों के खाते में 1-1 करोड़ रुपये की पहली किस्त जारी कर दी है। मुख्यमंत्री नायब सैनी ने विधानसभा में यह घोषणा करते हुए कहा कि शेष विधायकों को भी जल्द फंड मिलेगा, बशर्ते वे अपने क्षेत्र के विकास कार्यों की सूची जमा कर दें। हालांकि, इस फैसले पर विपक्ष ने सियासी झगड़ा खड़ा कर दिया। कांग्रेस और इनेलो ने राजस्थान मॉडल की तर्ज पर प्रति विधायक 5 करोड़ रुपये सालाना देने की मांग को लेकर सरकार पर निशाना साधा।
क्या है विवाद की जड़?
- विपक्ष का आरोप: “भाजपा राजस्थान में विधायकों को 5 करोड़ देती है, लेकिन हरियाणा में 1 करोड़ ही क्यों?”
- कांग्रेस विधायक गीता भुक्कल: “सरकार विधायक निधि को लेकर भ्रामक प्रचार कर रही है। जनता को बताएं कि यह फंड सीधे विधायकों के खाते में नहीं जाता।”
- इनेलो के आदित्य चौटाला: “अगर विकास चाहिए, तो विधायकों को अधिक फंड दें। UP और राजस्थान जैसी ट्रांसपेरेंसी लागू करें।”
सरकार का पक्ष: ‘बजट 2025-26 में 5 करोड़ का प्रावधान’
मुख्यमंत्री नायब सैनी ने विपक्ष के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि बजट 2025-26 में सभी 90 विधायकों को 5-5 करोड़ रुपये दिए जाएंगे, जो तीन किस्तों में जारी होंगे। उन्होंने जोर देकर कहा, “हमारी सरकार ‘सबका साथ, सबका विकास’ के सिद्धांत पर काम करती है। कोई भी क्षेत्र उपेक्षित नहीं रहेगा।”
फंड जारी करने की प्रक्रिया:
- विधायक अपने क्षेत्र के प्रोजेक्ट्स की लिस्ट सरकार को भेजेंगे।
- फंड सीधे विधायक निधि कोष में ट्रांसफर होगा, न कि व्यक्तिगत खातों में।
- नए ऑनलाइन पोर्टल से जनता ट्रैक कर सकेगी कि पैसा कहां खर्च हुआ।
तुलनात्मक विश्लेषण: हरियाणा vs राजस्थान
पैरामीटर | हरियाणा | राजस्थान |
---|---|---|
प्रति विधायक वार्षिक फंड | 5 करोड़ (2025-26 से) | 5 करोड़ |
फंड ट्रांसफर मोड | कोष में, 3 किस्तों में | सीधे कोष में |
ट्रैकिंग सिस्टम | नया पोर्टल आने वाला | पहले से सक्रिय |
विपक्ष की चिंताएं और सरकार का जवाब
- भ्रष्टाचार का डर: कांग्रेस ने कहा, “फंड के दुरुपयोग को रोकने के लिए यूपी जैसा मॉनिटरिंग सिस्टम चाहिए।”
- सरकार का दावा: “पोर्टल के जरिए हर पैसे का हिसाब ऑनलाइन उपलब्ध होगा। गड़बड़ी पर सख्त कार्रवाई होगी।”
- वित्त मंत्री का बयान: “राज्य की आर्थिक स्थिति को देखते हुए फंड चरणबद्ध तरीके से जारी किया जा रहा है।”
आगे की राह: जनता को क्या मिलेगा?
पारदर्शिता: पोर्टल पर प्रोजेक्ट की स्टेटस अपडेट और बजट का ब्योरा।
ग्रामीण विकास: सड़कें, स्कूल, स्वास्थ्य केंद्र और जल संचयन प्रोजेक्ट्स पर फोकस।
शहरी इंफ्रा: पार्कों, स्ट्रीट लाइट और ड्रेनेज सिस्टम का उन्नयन।